Getting My Hindi kahani To Work
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वह इतना सुधर गया था , गली में निकलने वालों को परेशान भी नहीं करता।
रानी ने सोचा क्यों ना इसे घर ले चलूँ , घर वाले भी खाएंगे।
पहचान – भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी
पंचतंत्र की कहानी: बंदर और लकड़ी का खूंटा – bandar aur lakdi ka khunta
माधव चिढ़कर बोला—”मरना ही है तो जल्दी मर क्यों नहीं जाती? देखकर क्या करूँ?”
माधव भागा हुआ घीसू के पास आया। फिर दोनों ज़ोर-ज़ोर से हाय-हाय करने और छाती पीटने लगे। पड़ोस वालों ने यह रोना-धोना सुना, तो दौड़े हुए आए और पुरानी मर्यादा के अनुसार इन अभागों को समझाने लगे।
मोरल – सच्ची मित्रता सदैव काम आती है ,जीवन में सच्चे मित्र का होना आवश्यक है।
वह भी सड़क पर उछलने लगे जिससे सड़क को और चोट लगे।
क्रोध और वेदना के कारण उसकी वाणी में गहरी तलख़ी आ गई थी और वह बात-बात में चिनचिना उठता था। यदि उस समय गोपी न आ जाता, तो संभव था कि वह किसी बच्चे को पीट कर अपने दिल का ग़ुबार निकालता। गोपी ने आ कर दूर से ही पुकारा—“साहब सलाम भाई रहमान। कहो क्या बना रहे विष्णु प्रभाकर
इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी
अब मेरी समझ में आया था कि इतनी भीड़ के बावजूद डिब्बे में खुशबू कैसे फैल... पढ़ें
जंगल में सुंदर-सुंदर हिरण रहा करते थे। उसमें एक सुरीली नाम की हिरनी थी। उसकी बेटी मृगनैनी अभी पांच महीने की थी। मृगनैनी अपनी मां के साथ जंगल में घूमा करती थी।
एक दिन की बात है प्रधानमंत्री स्वच्छता कार्यक्रम के लिए सभी विद्यार्थियों को सहयोग करने के लिए कह रहे थे। मुकेश को आइडिया आया उसने कूड़ेदान के पास जाकर खूब सारी पेंटिंग दीवार पर बना दी। वह पेंटिंग इतनी खूबसूरत थी कि कोई भी व्यक्ति here वहां से गुजरते हुए। उस पेंटिंग की सराहना करते जाता था।
आज ईशा कुछ अलग सा बर्ताव कर रही है,कोई बात हुई है क्या?? पढ़ें
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